Depali Tripathi
Teacher, Prerna Girls School
मेरा अंश
सब कुछ सहूंगी मैं ,
पर यह कैसे कहूँगी मैं ,
कि वो मेरा ही अंश है ,
जिसने एक मासूम को बदनाम किया ,
उसका ही नहीं तूने ,
मेरा भी अपमान किया ,
इससे तो अच्छा था ,
हे ईश्वर ,
इस कोख को ‘ बाझ बना देता तू ,
एक आततायी की माँ कहलाने के ,
लांछन से बचा लेता तू
सारे दुखो के साथ सह लेती ,
मैं एक और दंश
पर अब मैं कैसे कहू कि तू मेरा ही है अंश ,
ये अब मैं कैसे सहूँ
कि तू मेरा ही है अंश ,