नारी तुम केवल श्रधा हो जग के सुंदर आँगन में पियूष सी बहा करो, जीवन के सुंदर समतल में
नारी – नाम है समान का या समाज ने कोई ढोंग रचा है,
बेटी – नाम है दुलार का, या समाज के लिए सजा है ,
पतनी – किसी पुरुष की समी है या यह रिश्ता भी एक उगी है,
माँ – ममता की परिभाषा है, या होना इसकी भी एक निराशा है,
नारी – नाम है स्वाभिमान का, या इसका हर रिश्ता है अपमान का !
कहेते है एहन सबको अपनी जिन्दगी सवतंत्रता पुर्वक जीने का हक है I क्या आपको लगता है की हर व्यक्ति सवतंत्रता पूर्वक जीवन जी रहा है? नहीं – पुरुष शायद जी रहे हो पर महिलायों को तो सवतंत्रता शब्द का अर्थ ही नहीं पता।
औरत को सिर्फ एक ही शब्द से नवाज़ा है की वह नारी ही देश का भविष्य उजागर करेगी – – लेकिन तो यह है की इस पुरुष प्रधान देश में औरत ने कभी अपनी ज़िन्दगी जी ही नहीं क्योंकि यहाँ नारी को एक वास्तु समझकर कठपुतली की तरह इस्तेमाल करते है। घर में पति बहार छेड़ छाड़ बलात्कार इन सभी मुश्किलों से जोझ्ना पड़ता है फिर भी उसे ही गलत साबित कर दिया जाता है।
कहने को तो हम नारी आधी दुनिया है मगर क्या कभी आधार घर भी हमारा हुआ है ?
जनम लेते ही दिखाई दिया पिता और भाई का अधिकार,
होता रहा नारी के हर फेसले का प्रतिकार,
शादी के बाद सहा पति, देवर और ससुर का तिरस्कार
जीवन का कौन सा पल जो नारी ने अपनी मर्ज़ी से जिया सरे हक सरे वजोद , सरे फेसले सिर्फ उर सिर्फ पुरुष ने ही तो लिया फिर क्यों कहते है की हम आधी दुनिया है।
जो अपराध करता है वो तो अपराधी है ही , लेकिन जो ये अत्याचार बिना आवाज़
उठाये सहती है, वह नारी भी अपराधी है। यदि पति मरता है तो सास कहेंगी आवाज़ बहार न जाने पाए तथा माँ कहेंगी की जैसा भी है पति है तेरा। इस तरह महिलाये ही महिलायों का असुरक्षा का मूल कारन है।
इसलिए अब हम नारियों को आवाज़ उठाना ही नहीं बल्कि अपने अधिकारों के प्रति सचेत भी रहना होगा। और हम नारियों को संगठित होकर एक सवेरा बनकर प्रस्तुत करने का समय आ गया है। सूरज के उगने में जो हाथ पूजा के लिए उठते है। वही हाथ रात के अँधेरे में दुष्कर्म करने से नहीं डरते वर्षो से चला आ रहा रिवाज़ का तन बना जिसके नीचे पड़ा हर औरत को दब जाना।
पति देवर ससुर जेठ
हर एक के माथे चढ़ गयी बनकर तूछ भेद
आज़ादी क्या है।उसने अब तक ना जाना
दबाया गया उसे बनाकर अनेक बहाना
बदलता गया दौर घुमती गयी घडी की सुई
पुरुषो का रहा वाही रवाया रही उनकी आत्मा सोयी
कोई तो आगे आकर आवाज़ उठाओ
बस अब नहीं सहेंगे चलकर उन्हें बताओ
तोड़ दो सब दीवारे और बेड़ियाँ
अब नहीं चढ़नि और पाप की सीढियाँ
औरत तू नहीं कमज़ोर
अब तेरे ऊपर नहीं किसी का जोर।
Aaj hamare samaj ko ek bahut bade badlav ki jarurat hai.iske liye sabse pahle victim women ko hi khud par hone wale atyacharo se ladna padega. ab darne ka nahi balki khud ko pahchan kar; apne samman aur swatantrata ke liye awaj uthani hogi. One need not to wait for others help but should be able help oneselves. one should not seek for help but should use ones rights.
Women have transformed and have started getting empowered. In the world full of male domination, it is now clear that what a man can do a woman can do much better, “The future belongs to those who believe in the beauty of their dreams.”-Eleanor Roosevelt.
Indeed the future looks bright as women are on the move to get empowered. The girl child education has been emphasized and it is only natural to continue with the motivation. There are people who are still caught up with male chauvinism and are dragged into the notion of still having barbaric traditions.
When a woman is educated the whole society is educated too, this is because a woman is natural homemade giver. The woman that have been in leadership positions have really gone ahead and transformed the life of people by the little things that they do.
Let us look on it and what is making women cover all this and still walk with a smile. Men are the head; all you see in them is the head and nothing else. What are the functions of the head, it carries the brain, the eyes, ears, mouth and nose. It doesn’t have legs to walk or hands to touch. That is a half person, not a complete one.
When it comes to women, they are the body from the neck to the toes. They carry the heart which makes the decisions. It also has the legs, hands and all other parts.
So what happens when a man thinks is a woman who makes the choices to go ahead and back it down. The more you back up or the more the duties. This is good because you have been given all the requirements to do the work. That is why you can have five tough duties waiting for you during the day and manage to finish them perfectly without any stress. That is how you are gifted as a woman.
Though the pleasure increases, though the demand goes high or low, you are already a conqueror. All you need is someone who can think for you and then your heart will choose what to do. Go on and build the nation. Don’t complain, don’t give up-you are the body.