स्त्रियों का शोषण

राधिका मौर्या(उम्र 15 वर्ष)
कक्षा 8, कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालय मडिहान मिर्जापुर

देश की राजधानी में एक बार फिर दरंदिगी की सभी सीमाए पार हो गयी है। बदमाशो  ने दिल्ल्ली की एक छात्रा के साथ क्रूरता की सभी हदे पार कर दी  और यह दिल्ली के लिए कोई  नयी बात नहीं है।दिल्ली जो की भारत कि  राजधानी है वहाँ  रात 9:30 बजे यह घटना घटी और पुलिस इस घटना को रोकने में अक्षम रही ।यह दिल्ली में आम बात है लेकिन इस बार महिला के पुरुष दोस्त के सामने आने पर यह मामला प्रकाश में आया है। बदमाशों ने युवती के साथ ज़बरदस्ती की और उसके पुरुष मित्र को बेरहमी से पीटने के बाद रस्ते  पर फेक दिया।युवती ने साहस का परिचय दिया लेकिन उसकी बदमाशो के सामने एक न चली। बदमाश यह  घ्रणित  कार्य चलती बस में करते रहे।चलती बस में तक़रीबन सवा घंटे तक बदमाश उसे पीटते रहे और ज़ख़्मी करते रहे और लोगो को कुछ पता नहीं चला।
सुझाव के तौर पर लोगो ने स्त्रियों को अधिक वस्त्र  पहनने की वकालत की लेकिन मै उन लोगो से पूछना चाहती हूँ कि अधिक वस्त्र पहनने से क्या उनकी  सुरक्षा मुकम्मल हो पायेगी? पूरे देश में इस घटना को लेकर कड़ा  आक्रोश था और  ज़नान्दोलन भी हुए लेकिन इतना समय बीत जाने के बावजूद दोषियों को कोई सजा नहीं हुयी।मेरा सुझाव है कि उन दोषियों को ऐसी सजा मिलनी चाहिए कि दुबरा कोई यह घृणित कार्य करने कि हिम्मत न कर सके। अब हमें यह कहना है , पूरे जोश और पूरी ताकत के संग आओ करें पुरषों से जंग।

 

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