किरण मिश्र
करंजाकला जौनपुर
पूनम जौनपुर की रहने वाली एक लड़की है।वो अपने माता पिता के साथ ईट भट्ठें पर काम करती है। वो पढना चाहती है लेकिन उसकी शादी की घर पर बात चल रही है।तभी उसे कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालय के बारे में पता चलता है।पूनम मनो मन ही मन
विचलित हो उठी और विचार करने लगी की इस शादी को कैसे रोका जाए और स्कूल में दाखिला लिया जाये।
पूनम ने अपनी छोटी बहन के साथ बिना समय गवाएं स्कूल में नामांकन कराया और इसके इस प्रयास से घर वालो का शादी के लिए दबाव कम हुआ।
पूनम अब 8वी कक्षा की छात्रा है लेकिन अभी भी जब वो घर वापिस जाती है तो घर वाले उसपर शादी का दबाव बनाते हैं लेकिन अब वो इसका विरोध करती है और कहती है कि अभी उसे पढना है। लेकिन अब वह चिंतित है कि कक्षा 8 पढने के बाद जब वह घर जाएगी तो आगे कैसे पढ़ पायेगी और आगे की पढाई करने के लिए विद्यालय की जानकारी चाहती है।पूनम अभी आगे पढना चाहती है और शादी नहीं करना चाहती है।