आरती सिंह
अध्यापिका, प्रेरणा गर्ल्स स्कूल
लड़की क्यों है , दुनिया के लिए अभिशाप ।
पैदा करके माँ ने जैसे किया कोई पाप ।
दिन -दिन मरती इक नई मौत ।
क्यों अपनी ही घर में बेटी है,इक खौफ ।
दिनिया में कहने को तो देविया बेशुमार है ।
पर लड़की हमेशा से सहती अत्याचार है ।
बस अब बहुत हुआ लड़की है तो क्या सताओगे ?
याद रखना हम अगर जाग गये तो तुम पछ्ताओगें ।
हाँ मैं लड़की हू इसमे कोई शक नहीं ।
मुझे सताने का तुम्हे कोई हक़ नहीं ।
समाज में अगर हमें शान से रहना है ।
ज़ुल्म किसी का हमें नहीं सहना है ।
लडकियों को खुद आगे आना होगा ।
आगे बढ़कर अत्याचारों का सामना करना होगा ।
तुम सब अपने अधिकार को पहचानों ।