(श्यामली मुखर्जी )
प्रेरणा स्कूल
औरत ही औरत की बने दुश्मन
तो कैसे हो समाज का कल्याण
बेटी से तुम्हे करना है प्यार
बहू भी है दुलार का पात्र
उन्हें देना ही होगा समान , अधिकार
बेटी को कहते हो लक्ष्मी का आधार
बहू का करते हो दाह संस्कार
बेटी बहू एक समान
ये है हम सब का मान
तभी होगा समाज का कल्याण ।