पंख से कुछ नहीं होता, होसलो से उडान होती है

ज्योति वहाल
Prerna Girls School

दिल्ली कांड से हमें कुछ सबक सीखना चाहिए ।

पीड़ित नारी को समाज में हिकारत भरी नज़रो से देखा जाता है

पुरुष वादी मानसिकता और धर्म की दकियानूसी बातो को दर किनार कर

उसे सम्मान की नजरो से देखने की ज़रूरत है

ताकि वह किसी और के द्वारा किये गए अपराध के कारण अपना जीवन

घुट -घुट कर गुजारने को मजबूर न हो ।

मंजिल उन्ही को मिलती है

जिनके सपनो में जान होती है

पंख से कुछ नहीं होता

होसलो से उडान होती है

आंधियाँ है तो क्या दीप जला लेगें हम

उलझने है तो क्या कदम बढ़ा लेगें हम

लाख रोके कोई हमें रूकेगें आज न हम

अपनी मंजिल पर जाकर ही दम लेगें हम

यह जीवन पथ है अद्वित्ये

मत लीक पकड़ कर चला करो

कुछ खोजो रहा नई अपनी

खुद दीपक बनकर जला करो ।

 
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