ऐसा तो इन्सान है

 

Sunita Singh
Virangana (Activist Group, Prerna Girls School)

इस सुंदर सृष्टि में न कोई जहान था ।
धरती से अम्बर तक सभी जगह वीरान था ।
ईश्वर का खिलौना , कठपुतली इन्सान था ।
खेल -खेल में हुई गलती , बुद्धि  दिया अपार था ।

 

बुद्धि   पाकर भला मानुष , बना एक शैतान है  ।
धरती बाटी, सागर बाटा ऐसा तो बेईमान है  ।
हिन्दु , मुस्लिम , सिख , इसाई ।
सब थे एक दिन भाई- भाई ।

 

एक हृदय के चार टुकड़े को
देख हँसता एक हैवान है  ।
ईश्वर के आँखों में नमी, कोसता भी ईमान है ।
खंड किया हर चीज़ों को ऐसा तो इन्सान है  ।

Back to campaign

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *